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राष्ट्रभक्ति व ‘स्व’ का जागरण कर संगठित समाज शक्ति से होगा समस्याओं का समाधान – अनिल जी - ବିଶ୍ୱ ସମ୍ବାଦ କେନ୍ଦ୍ର ଓଡିଶା

राष्ट्रभक्ति व ‘स्व’ का जागरण कर संगठित समाज शक्ति से होगा समस्याओं का समाधान – अनिल जी

काशी (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उ. प्र. क्षेत्र प्रचारक अनिल जी ने कहा कि प्रखर राष्ट्रभक्ति ही देश की समस्याओं का एकमात्र समाधान है. संघ विगत 98 वर्षों से शाखा एवं अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से राष्ट्रभाव का जागरण कर रहा है. अनिल जी बाबतपुर स्थित एस. एस. पब्लिक स्कूल में संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष के प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह में संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सम्पूर्ण देशभर में वर्ग संपन्न हो रहे हैं, इन वर्गों की दिनचर्या भी एक विशेष प्रकार की होती है. शिक्षार्थी स्वयंसेवक भीषण गर्मी में साढ़े चार घण्टे का शारीरिक, सभी सुख सुविधाओं को त्याग कर और अपने प्रशिक्षण का शुल्क देकर सहर्ष ही वर्ग पूरा करता है. आज की युवा पीढ़ी का सबसे बड़ा त्याग सचल दूरभाष (मोबाइल) से दूर रहना होता है. प्रारम्भ के दिनों से ही सभी के मोबाइल जमा हो जाते हैं. वर्ग में केवल शिक्षार्थी स्वयंसेवकों का ही प्रशिक्षण नहीं होता, अपितु व्यवस्था में लगे सैकड़ों स्वयंसेवक कार्यकर्ताओं का भी प्रशिक्षण होता है.

उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी के अधूरे सपने को साकार करने का कार्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कर रहा है. स्वामी जी का बड़ा प्रसिद्ध कथन था – “देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत यदि 100 नवयुवक मिल जाएं तो इस देश की तस्वीर को बदल दूं”. स्वामी जी अल्पायु में ही हम सभी को छोड़कर चले गए. उनके अधूरे सपने को पूरा करने का कार्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कर रहा है. राष्ट्र भाव के जागरण का परिणाम आज सम्पूर्ण देश में देखने को मिल रहा है. कभी पूर्वोत्तर राज्य के बन्धु बान्धव बन्दूकों के साये में जीवन गुजारते थे. महिनों कर्फ्यू लगते थे, आन्दोलन करके चक्काजाम किया करते थे. आज उन्हीं सड़कों पर नवयुवक भारत माता की जय बोलता हुआ, हाथ में तिरंगा लेकर यात्रा निकालता है.

चाहे शहर हो, गांव हो या वनवासी क्षेत्र हो जहां शासन तंत्र की सुविधाएं नहीं पहुंच पाती, वहां संघ का स्वयंसेवक सेवा के कार्य कर रहा है. उन्होंने परिसर में उपस्थित स्वयंसेवकों से आह्वान करते हुए कहा कि संघ समाज के अन्दर देशभक्ति, समाज भक्ति एवं स्व के भाव का जागरण करते हुए सामाजिक समस्याओं का निवारण समाज के द्वारा ही करना चाहता है. संघ का मानना है कि सरकार के काम सरकार करे एवं समाज के कार्य समाज करे. समाज की क्षमता सरकार की क्षमता से भी कहीं अधिक है. इसका ताजा उदाहरण हम देखें तो कोरोना काल में समाज ने अपनी क्षमता का परिचय दिया है, इससे सिद्ध होता है कि समाज की क्षमता सरकार की क्षमताओं से कहीं अधिक है. स्व की प्रेरणा से समाज की संगठित शक्ति के बल पर समाज की बड़ी से बड़ी समस्याओं का समाधान करने के लिए आगे बढ़ें.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अन्नपूर्णा माता मन्दिर काशी के महन्त शंकर पुरी जी ने कहा कि 20 दिनों के प्रशिक्षण वर्ग में राष्ट्रीय विषयों, शैक्षिक विषयों एवं सामाजिक विषयों पर राष्ट्र सुरक्षा से सम्बन्धित वैश्विक परिस्थितियों में राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक कार्य करते हैं. समाज के सभी वर्गों को सशक्त बनाने के लिए संघ निरन्तर कार्य कर रहा है. समाज स्वयंसेवकों के साथ मिलकर कार्य करे, जिससे अपना राष्ट्र सर्वांगीण उन्नति कर सके और भारत की एक विशेष छवि (विश्व गुरु) परिलक्षित हो.

वर्ग का वृत्त निवेदन एवं अतिथि परिचय सच्चिदानन्द जी ने करवाया. कार्यक्रम में अखिल भारतीय गौ सेवा संयोजक अजित महापात्रा जी, संयुक्त क्षेत्र संयोजक प्रज्ञा प्रवाह रामाशीष जी, क्षेत्र कार्यवाह डॉ. वीरेन्द्र जायसवाल जी, क्षेत्र प्रचारक प्रमुख राजेन्द्र जी, मुख्य मार्ग प्रमुख राजेन्द्र सक्सेना जी, सह क्षेत्र सेवा प्रमुख युद्धवीर जी, प्रान्त संघचालक डॉ. विश्वनाथ लाल निगम जी सहित मातृशक्ति, गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे.

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