बालासोर. ओडिशा के बालासोर में हुई भीषण रेल दुर्घटना के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सैकड़ों स्वयंसेवक राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं. संघ के स्वयंसवकों ने करीब 500 यूनिट रक्तदान किया है. बालेश्वर जिले के बाहनगा रेलवे स्टेशन के निकट हुए भीषण ट्रेन हादसे के बाद हमेशा की तरह संघ के स्वयंसेवक सबसे पहले घटना स्थल पर पहुंचे. एनडीआरएफ और प्रशासन की टीमें घटनास्थल पर पहुंचने से पहले ही स्वयंसेवक वहां पहुंच गएथे. दुर्घटना स्थल के पास स्थित गांव बाहनगा में संघ की शाखा होने के कारण प्रारंभ में कुछ स्वयंसेवक पहुंच गये थे. लेकिन रात तक आते आते लगभग ढाई सौ स्वयंसेवक दुर्घटना स्थल पर प्रशासन व राहत कार्यों में लगे जवानों की सहायता के लिए पहुंच गए थे. राहत-बचाव में देरी ना हो, इसके लिए स्वयंसेवकों ने तत्काल प्रभाव से ऑटो, मोटरसाइकिल से घायलों को अस्पताल ले जाने लगे. स्वयंसेवक रमेश जी विपरीत परिस्थितियों में बोगी के अंदर जा-जाकर पूरी रात घायलों को निकालते रहे और अन्य स्वयंसेवक अस्पताल पहुंचाते रहे.
स्वयंसेवकों ने प्रशासन व बचाव कार्यों में लगे विभिन्न एजेंसियों के जवानों के साथ मिल कर घायल यात्रियों को बाहर निकालने में सहायता की. संघ के स्वयंसेवकों ने फंसे घायल यात्रियों को निकालने के साथ साथ उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल भेजा. घायल यात्रियों को अस्पताल ले जाना प्रारंभ होने के बाद बालेश्वर जिला अस्पताल में संघ पदाधिकारी उपस्थित रहे और उन्होंने सेवा कार्यों की निगरानी की. संघ पदाधिकारियों की देखरेख में स्वयंसेवकों ने रक्तदान किया, करीब 300 स्वयंसेवकों ने रक्तदान किया.
स्वयंसेवकों ने स्वयं रक्तदान करने के साथ साथ अन्य को भी प्रेरित किया. इसी तरह कुछ घायल यात्रियों को भद्रक जिला मुख्यालय अस्पताल व सोरो स्थित मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. वहां भी स्वयंसेवकों ने मोर्चा संभाला. चिकित्सालयों में भी स्वयंसेवकों ने रक्त दान किया और रक्त का इंतजाम किया. शवों को निकालकर एंबुलेंस तक पहुंचाना, घायलों को अस्पताल में भर्ती कराना, रक्त की व्यवस्था करना और भोजन पानी की भी व्यवस्था स्वयंसेवकों ने की. यही नहीं घायलों के परिजनों से स्वयंसेवकों ने अपने मोबाइल से बात भी करवायी.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, हिन्दू जागरण मंच, बजरंग दल, सेवा भारती के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने राहत बचाव कार्य में अनवरत लगे रहे. भीषण दुर्घटना में जीवन खोने वाले यात्रियों के शवों को लेने में उनके परिजनों की सहायता की. इसी तरह कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भी संघ के सेवा विभाग से जुड़े स्वयंसेवक सक्रिय रहे. घायल यात्रियों को अटेंडेंट देने के साथ साथ उनके परिवारों से संपर्क कर उन्हें सूचना देना आदि कार्यों में स्वयंसेवकों ने सहायता की.