पुणे (19 दिसंबर, 2024). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि हर तरह की साधन सामग्री उपलब्ध होने के उपरांत भी विश्व में शांति नहीं है. इसीलिए विश्व को आज गुरू की आवश्यकता प्रतीत हो रही है. वह गुरू भारत हो सकता है, यह विश्व की अपेक्षा है. जिसकी पूर्ति भारत कर सकता है. इसके लिए भारतीयों को अपने गुणों का स्तर बनाकर वैसा आचरण करना पड़ेगा. ऐसा करने पर विश्वगुरू का स्थान हम अगले 20 वर्षों में पा सकेंगे.
सरसंघचालक जी पुणे में आयोजित सहजीवन व्याख्यानमाला में ‘विश्वगुरू भारत’ विषय पर संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर मंच पर सहजीवन व्याख्यानमाला के अध्यक्ष विनय कुलकर्णी उपस्थित थे. व्याख्यानमाला का यह 23वां वर्ष है. ग्लोबल स्ट्रैटेजिक पॉलिसी फाउंडेशन के डॉ. अनंत भागवत ने सरसंघचालक जी का स्वागत किया.
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से भारत तेजी से भौतिक प्रगति कर रहा है. इसके साथ ही नैतिक प्रगति होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने विश्वगुरू भारत का जो सपना देखा था, उसे वास्तव में साकार होते हुए हम देख सकेंगे.
हमारे देश द्वारा बनाये गए संविधान के अनुसार आचरण होना अत्यंत महत्वपूर्ण है. संविधान के अनुरूप प्रामाणिकता से मार्गक्रमण होना चाहिए. संविधान के दिशादर्शक सिद्धांत, नागरिकों के अधिकार और कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक आचरण किया जाना चाहिए. समाज और घर में भी इन कर्तव्यों की चर्चा होनी चाहिए. यातायात के नियमों का पालन, पर्यावरण संरक्षण, पानी की बचत, कचरा प्रबंधन जैसी छोटी छोटी बातों का अनुसरण व्यक्तिगत रूप से करना आवश्यक है.
सरसंघचालक जी ने कहा कि संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में सामाजिक समरसता, पर्यावरण, परिवार प्रबोधन, स्व का बोध और नागरिक कर्तव्य, इन पंच परिवर्तन सूत्रों पर आधारित कार्यक्रम संघ चलाएगा.
उन्होंने कहा कि हमारा राष्ट्र परोपकार के लिए बना है. परंपरा शाश्वत है. हम वह नहीं है जो कहें कि सच हमारा ही है. साथ ही हम सबमें आस्था रखने वाले हैं. लेकिन इसीलिए हमारे देवताओं पर आक्रमण कर जबरदस्ती कर कोई मतांतरण करे तो वह भी सहा नहीं जाएगा.
भारतीय सेना के अवकाशप्राप्त जनरल वी.के. सिंह और अवकाशप्राप्त जनरल व पूर्व सैनिक सेवा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णुकांत चतुर्वेदी, साजिद युसुफ शहा व राजौरी के युवा मुखिया सामरीन खान ने डॉ. भागवत जी का स्वागत किया. रविंद्र खरे ने कार्यक्रम का सूत्र संचालन किया. वंदे मातरम् के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ.