राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि व्यक्ति, समाज और प्रकृति का जीवन परमेष्ठी की ओर ले जाने का कार्य धर्म करता है. धर्म समाज की एकता का आधार है जो व्यवहार में प्रकट होना चाहिए.
सरसंघचालक जी पुणे के चिंचवड़ स्थित श्रीमन् महासाधु श्री मोरया गोसावी महाराज संजीवन समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम आयुक्त शेखर सिंह, चिंचवड़ देवस्थान ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी मंदार देव आदि उपस्थित थे.
सरसंघचालक जी ने कहा कि पूजा और समारोह के पार जाते हुए संत पुरूषों का जीवन हमें आत्मसात करना चाहिए. उनके किए गए कार्य की दिशा में कम से कम कुछ कदम हमें चलना चाहिए. “संपूर्ण विश्व की प्रस्तुति संघर्ष पर आधारित है. पिछले दो हजार वर्षों से प्रचलित विचारधारा के प्रभाव में हमारा जीवन है. इससे सुविधाएं तो बढ़ी हैं, लेकिन निरंतर कलह भी उत्पन्न हो रहे हैं. इसलिए हमारे पूर्वजों ने अध्यात्म के आधार पर भौतिक जीवन को सुखकर करने वाला शाश्वत सनातन धर्म आत्मसात किया. उसमें व्याप्त अपनापन ही विश्व का आधार है.”
उन्होंने कहा कि समाज को सुरक्षित व वैभव से संपन्न रखने का कार्य धर्म करता है. वह जोड़ता है और उन्नत करता है, यह धर्म अतिवाद को आश्रय नहीं देता. धर्म सबके जीवन का आधार है और इसे बने रहना चाहिए तथा देश-काल-स्थिति के अनुसार उसका जागरण होना चाहिए.
कार्यक्रम में संस्थान के कैलेंडर का विमोचन किया गया. मूर्तिकार तन्मय पेंडसे की बनाई मोरया गोसावी की मूर्ति, पुणेरी पगड़ी, शाल और स्मृति चिन्ह सरसंघचालक जी को भेंट किया गया. कार्यक्रम की प्रस्तावना ट्रस्टी राजेंद्र उमाप ने रखी, स्वागत ट्रस्टी जितेंद्र देव ने किया.
पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम में आलंदी, देहू और मोरया गोसावी देवस्थान का कॉरिडॉर विकसित होना चाहिए, यह मत आयुक्त शेखर सिंह ने व्यक्त किया. उन्होंने कहा, “केंद्र की प्रसाद योजना के अंतर्गत नगर निगम के जरिये शहर के इन प्रमुख देवस्थानों का कॉरिडॉर विकसित होना चाहिए. नदियों की स्वच्छता का कार्य जारी है और पवना नदी सुधार प्रकल्प भी शीघ्र ही पूरा होगा”.