जयपुर/सीकर. विश्व संवाद केंद्र जयपुर की ओर से शेखावाटी साहित्य संगम के दूसरे दिन शुक्रवार को राजस्थान में अक्तूबर 2020 से अगस्त 2023 के मध्य हुई गोतस्करी की घटनाओं पर एक रिपोर्ट जारी की गई. मेजर सुरेंद्र पूनिया, बीएसएफ के सेवानिवृत्त अधिकारी मदन सिंह राठौर की उपस्थिति में रिपोर्ट जारी की गई. 72 पृष्ठ की इस रिपोर्ट में गोतस्करी की 34 महीनों की 444 घटनाओं का क्रमानुसार विवरण दिया गया है. रिपोर्ट की विशेष बात यह है कि सभी घटनाओं के सन्दर्भ स्रोत भी रिपोर्ट के साथ संलग्न हैं और साथ ही चित्र एवं समाचार कटिंग भी संलग्न हैं.
रिपोर्ट में विश्व संवाद केंद्र ने यह तथ्य सामने लाने का प्रयास किया है कि आज गोतस्कर बेसहारा के साथ-साथ घरेलू और गौशाला में पाले जा रहे गोवंश को भी निशाना बना रहे हैं. इसलिए शासन को नीति व प्रशासन को रणनीति बनाकर इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए. गोतस्करी पूर्णतः अवैध एवं असंवैधानिक है. इस प्रकार की घटनाएँ आमजन की आस्था और रोजगार पर तो चोट करती ही हैं, साथ ही कानून और सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न लगाते हुए संगठित अपराधी समूहों को अराजक स्थिति निर्मित करने के विकल्प भी देती हैं. गोतस्करी से प्राप्त धन समाज विरोधी कार्यों में ही खर्च होता है. इसलिए गोतस्करी को रोकने के लिए सभी को संगठित होना चाहिए.