वाराणसी (विसंकें). विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि ज्ञानवापी मामले में हिन्दू पक्ष काफी मजबूत है. तथ्य, और कानून हमारे पक्ष में हैं. मैंने मामले का अध्ययन किया है. अतिशीघ्र हम विजयी होंगे. जिस प्रकार अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्णय हमारे पुरुषार्थ से पक्ष में रहा, उसी प्रकार काशी और मथुरा में भी होगा. आलोक कुमार वाराणसी स्थित एक होटल में आयोजित विचार प्रबोधन कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे.
बीते महीने हरियाणा के नूंह में ब्रजमंडल यात्रा के दौरान हुई हिंसा पर आक्रोश प्रकट करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर यात्रा से दो दिन पूर्व ही “प्याज़ की तरह तोड़ दो” जैसे आक्रमक पोस्ट वायरल होने लगे थे. परंतु खूफिया एजेंसियों ने सक्रियता नहीं दिखाई और प्रशासन ने भी गत वर्षों में हुई यात्रा का आंकलन करके सुरक्षा प्रदान नहीं की, इसलिए यह हिंसा हुई. बावजूद इसके हम इस यात्रा को पूर्ण करेंगे और अपनी तरफ से किसी प्रकार की कोई गतिविधि नहीं करेंगे, परंतु यदि हम पर कोई हमला करेगा, तो कानूनन हमें प्रतिकार करने का अधिकार है.
हिन्दू परिवारों के विघटन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हिन्दू लड़कियां प्रेम के चक्कर में षड्यंत्र का शिकार होती हैं और जब उनके परिवार उन्हें बचाने के लिए हमसे संपर्क करते हैं तो वे ही साथ खड़ी नहीं होतीं. टीवी सीरियल्स इस विघटन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इन प्रकरणों से बचने के लिए कुटुंब प्रबोधन आवश्यक है. सभी परिवार समय निकालकर घर पर एक साथ भोजन करें, अपने बच्चों से संवाद करें एवं बच्चों में तुलसी को जल देने का, गाय को पहली रोटी देने का, सभी त्योहारों को सहयोग से मनाने का संस्कार उत्पन्न करें. जिससे उनमें हिन्दू रीति-नीति से जीवन जीने की आकांक्षा उत्पन्न हो. तभी हिन्दू संस्कृति का संरक्षण हो पाएगा.
उन्होंने कहा कि जिहाद आज वैश्विक चुनौती बनकर उभरा है. जाकिर नाईक जैसे लोगों ने इसके गलत अर्थ को प्रस्तुत करते हुए महिला अपहरण, बलात्कार, हत्या, लूटपाट को धर्म का कार्य बना दिया है. जिहाद के इसी विकृत स्वरूप को अपनाते हुए पक्ष विशेष ने फ्रांस, जर्मनी, इंग्लैंड को भी आतंकित किया. भारत में इसी मानसिकता के लोग विद्रोही वातावरण बनाते हैं.
आगामी कुछ महीनों में संगठन की गतिविधियों पर कहा कि 30 सितंबर से 20 अक्तूबर तक बजरंग दल देश भर में शौर्य यात्राएं निकालेगा. दीपावली से 15 दिन पहले और 15 दिन बाद संत समाज द्वारा देशभर के गांवों की गली-गली में पदयात्रा निकाली जाएगी एवं अनुसूचित जाति/जातियों वाले घरों में जलपान किया जाएगा, जिससे जातिगत भेदभाव समाप्त होगा. उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय से जनवरी में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान स्थानीय नदी अथवा पवित्र कुओं, तालाब पूजा करने एवं 200 तांबे के पात्रों में जल भेजने, प्रत्येक मंदिर में अनुष्ठान करने, मन्दिर में सामूहिक स्क्रीन लगाकर प्राण प्रतिष्ठा देखने एवं भंडारा करवाने का आह्वान किया.
उन्होंने कहा हम लोगों ने राम मन्दिर निर्माण से जुड़े 5000 व्यक्ति चिन्हित किए हैं, जिनके साथ भविष्य में अयोध्या दर्शन के तहत सरयू स्नान, राम मन्दिर दर्शन-पूजन एवं नगर की गली-गली घूमने, कारसेवा से जुड़े किस्से स्थानीय बालकों और युवाओं को बताने का काम होगा. राम मन्दिर निर्माण से रामत्व का विकास होगा और त्रेतायुग की भांति आतंकवाद से मुक्ति, स्त्रियों का रक्षण एवं समरस समाज की स्थापना हो सकेगी. हम सबके साझे प्रयास से फिर वह दिन आएगा, जब हम कह सकेंगे कि भारत वह भूमि है, जहां कोई भूखा नहीं सोता, किसी को अन्न, वस्त्र का अभाव नहीं है, हरेक के पास छत है और हरेक के पास अच्छा जीवन जीने के संस्कार हैं.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष नागेंद्र पांडेय ने कहा विहिप के संपर्क विभाग का यह आयोजन अभिनंदनीय है क्योंकि संपर्क बनाए रखने से ही समाज एकजुट रहता है.
कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए अंबरीश ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद की पहचान भले ही राम मन्दिर आंदोलन से हुई. पर परिषद मठ, मंदिर, अर्चक, पुरोहित, गौ सबके हित में काम कर रहा है. आम श्रद्धालु तक तो सब पहुंच जाते हैं, पर विशिष्ट जनों तक नहीं. इसी कड़ी में आज का आयोजन है. वज्रयान विद्या केंद्र, सारनाथ के निदेशक खेमको कंपा गेटूर ने कार्यक्रम के आयोजन की बधाई दी.
विहिप काशी प्रांत के अध्यक्ष कविन्द्र प्रताप ने धन्यवाद किया. कार्यक्रम का संचालन सत्य प्रकाश ने किया.