इंदौर (विसंकें). सेवांकुर भारत संस्था का ‘एक सप्ताह देश के नाम’ उपक्रम गतवर्ष से देश के विभिन्न क्षेत्रों में संपन्न हुआ है. इस वर्ष यह उपक्रम मध्यप्रदेश के झाबुआ शिवगंगा प्रतिष्ठान के परिसर में २३ मार्च से लेकर २९ मार्च तक संपन्न हुआ. इस उपक्रम के अंतर्गत देशभर से वैद्यकीय विद्यार्थी और चिकित्सक सात दिन वनवासी क्षेत्र का अनुभव लेते हैं और अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं. इस अनूठे उपक्रम का समापन समारोह मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल द्वारा इंदौर स्थित रवींद्र नाट्यगृह में २९ मार्च को संपन्न हुआ. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. जयंतीभाई भाडेसिया (पश्चिम क्षेत्र संघचालक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ), अशोक जी सोहनी (मध्यक्षेत्र संघचालक, रा. स्व. संघ) और अशोक जी खंडेलवाल (वाइस चान्सलर, इंदौर यूनिवर्सिटी) उपस्थित रहे. मंच पर ‘एक सप्ताह देश के नाम’ उपक्रम के प्रमुख डॉ. राजेश पवार, सह प्रमुख डॉ. आरती रोजेकर और डॉ. किरण अल्हाट भी उपस्थित रहे.
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं परिचय से हुआ. सेवांकुर भारत संस्था का परिचय डॉ. नितिन गादेवाड (संयोजक, सेवांकुर भारत) ने दिया. सन् 1989 में संघ से प्रेरित युवा चिकित्सकों ने समाज में कम दरों पर अत्याधुनिक और समाजाभिमुख चिकित्सा सेवा देने हेतू सेवांकुर का प्रारम्भ किया था, संभाजीनगर स्थित डॉ. हेडगेवार रुग्णालय, सेवांकुर भारत की मातृसंस्था है.
वनवासी क्षेत्र में अपने देश के बंधुओं के बीच रहकर वैद्यकीय विद्यार्थियों में सामाजिक संवेदनशीलता कासंस्कार देने की कोशिश सेवांकुर संस्था करती है. संवेदनशील एवं समाजाभिमुख वैद्यकीय चिकित्सक देश के हित में तैयार करना, सेवांकुर का उद्देश्य है.
परिचय के पश्चात वनवासी क्षेत्रों में गए विद्यार्थियों में से कुछ ने यात्रा का अनुभव कथन किया. पार्थ चतुर्वेदी, शिवानी चव्हाण, चिन्मय पाटील, डॉ. श्रीनिवास गुंडू, कस्तुरी ब्रह्मे ने अपना अनुभव साझा किये.
जयन्तीभाई भाड़ेसिया ने कहा कि सेवांकुर भारत संस्था ने मेडिकल क्षेत्र में एक अनूठी पहल शुरू की है, जिससे समाज को अपेक्षाएं हैं. अशोकजी सोहनी ने कहा कि ऐसे उपक्रम अन्य प्रांत में भी होने चाहिए.
राज्यपाल मंगुभाई पटेल जी ने कहा कि इस उपक्रम के माध्यम से सेवा का ये बीज हर चिकित्सक में जाना चाहिए.
अंत में आभार प्रदर्शन डॉ. राजेश पवार जी ने किया और राष्ट्रगान से कार्यक्रम का समापन हुआ.