राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जनकल्याण समिति सेवाकार्यों के रूप में जलने वाली एक प्रेरक सेवा ज्योति है. समाज से समाज को, के सिद्धांत पर जनकल्याण समिति जनभागीदारी से निधि संग्रहित कर सेवा भवन सहित 9 बड़ी सेवा परियोजनाएं चला रही है. इसके अलावा 7 विषयों में 28 प्रकार के 1880 सेवाकार्य जनकल्याण समिति की ओर से किए जा रहे हैं. 380 पाठशालाओं में मोबाइल विज्ञान प्रयोगशालाएं, १०३९ स्वास्थ्य रक्षक, १८५ मरीज उपयोगी सामग्री केंद्र, ८ पूर्वांचल छात्रावास और अकाल, भूकंप, बाढ़, कोरोना जैसी प्राकृतिक आपदाओं के समय सहायता कार्य जनकल्याण समिति पिछले ५० वर्षों से अविरत रूप से कर रही है.
– अपने कार्य से जन साधारण के मन में संवेदना, आत्मीयता, भ्रातृभाव जागृत रखा है. कार्यकर्ताओं के निरपेक्ष व निरंतर सेवा से सेवाकार्य में काफी विश्वास मिला है. इसलिए समाज तथा सज्जन शक्ति की उदारता व सहभागिता से कई सेवाकार्य, कई परियोजनाएं, खड़ी हुई हैं और सेवा भवन जैसा आकर्षक भवन उसका दृश्य रूप है.
– राजगुरुनगर (खेड) के वरिष्ठ संघ स्वयंसेवक स्व. नारायण काका दाते ने मृत्युपत्र के जरिये पुणे के एरंडवणे, पटवर्धन बाग स्थित ६५०० वर्ग फीट का प्लॉट सेवाकार्य के लिए जनकल्याण समिति को सौंपा था. स्व. मुकुंदराव पणशीकर के प्रयासों से उस पर अमल हुआ और यह कल्पना सामने आई, कि सेवा भवन का निर्माण किया जाए. वह अब धरातल पर रूप ले चुका है.
– आम जनता में भी सेवा सहभाग की भावना सतत जागृत रखने वाली तथा राष्ट्र की रक्षा व विकास हेतु सक्षम होने वाली अनगिनत सेवा संस्थाएं भारत में कार्यरत हैं. रा. स्व. संघ जनकल्याण समिति (महाराष्ट्र प्रांत) भी इनमें शामिल है तथा संस्था ने समाज में विश्वसनीयता प्राप्त की है.
– जनकल्याण सेवा फाउंडेशन, डॉ. हेडगेवार सेवा स्मारक निधि व जनकल्याण समिति तीनों संस्थाओं ने मिलकर सेवा भवन का निर्माण किया है. इसका मुख्य उद्देश्य है कि मुंबई के परेल स्थित नाना पालकर रुग्णसेवा सदन की तरह पुणे में भी मरीजों को सेवा दी जाए.
– यह भवन सात मंजिला है और २७००० वर्ग फीट निर्माण कार्य किया गया है. आसपास के क्षेत्र में प्रमुख अस्पताल हैं.
– चिकित्सा उपचार के लिए जिला और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों से भी पुणे में आने वालों की संख्या अधिक है. मरीजों के साथ आने वाले रिश्तेदार और परिजनों का पुणे में अन्य कहीं ठहरने का प्रबंध न हो तो उन्हें बड़ी मुश्किल होती है.
– जनकल्याण समिति ने सेवा भवन में मुख्य रूप से निम्न सुविधाएं देने की योजना बनाई है…..
- डायलिसिस की बार-बार अथवा नियमित आवश्यकता वाले कई मरीजों के लिए उपचार का खर्च सामर्थ्य से अधिक होता है. उसके लिए प्रतीक्षा सूची भी लंबी होती है. ऐसे लोगों के लिए २० बेड का सुसज्जित डायलिसिस केंद्र शुरू किया जाएगा. यहां के डॉक्टर, नर्स और असिस्टेंट आदि प्रशिक्षित व मान्यता प्राप्त होंगे तथा उपचार भी अत्यल्प दरों में उपलब्ध होगा.
- मरीजों के साथ आने वाले रिश्तेदार व परिजनों का अत्यल्प दरों में भोजन व आवास का प्रबंध डायलिसिस सेंटर की ऊपर वाली तीसरी मंजिल पर किया जाएगा.
- कार्यकर्ताओं को सेवा की प्रेरणा व प्रशिक्षण देने के लिए ग्राउंड फ्लोर पर सभी तकनीकी सुविधाओं से सुसज्जित प्रशिक्षण केंद्र होगा, जिसका लाभ अन्य सेवाभावी संस्थाएं भी ले सकेंगी.
- जनकल्याण समिति की सेवा भवन सहित बड़ी 9 परियोजनाओं के मुख्य कार्यालय भी यहां स्थानांतरित हो रहे हैं. डॉ. हेडगेवार सेवा स्मारक निधि व जनकल्याण सेवा फाउंडेशन के कार्यालय भी यहां होंगे.
– जनकल्याण समिति ने स्वर्ण उत्सव वर्ष में कई सेवाव्रती कार्यकर्ताओं के कार्यों का सम्मान किया. इनमें से एक सदाशिव अच्युत मालशे का भी सेवा भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में सम्मान किया जाएगा. साथ ही समिति की ५० वर्षों की यात्रा की समीक्षा करने वाले ग्रंथ ‘अहर्निशं सेवामहे’ का विमोचन सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत के हाथों होगा.