झाबुआ (विसंके). विश्व हिन्दू परिषद मालवा प्रांत द्वारा प्रतिवर्षानुसार जनजाति बहुल जिला झाबुआ में निकाली गई कांवड़ यात्रा में गांव-फलियों से आई मातृशक्ति-युवाओं ने हिस्सा लिया. पुरुषों ने कांवड़ लेकर और महिलाओं ने सिर पर कलश लेकर झाबुआ के पवित्र देवझिरी तीर्थ से जल भरकर यात्रा प्रारंभ की.
झाबुआ के बस स्टेंड पर पहुंचने पर यह यात्रा धर्मसभा में बदल गई, संतों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सभा को संबोधित किया और मिशनरियों तथा अन्य शक्तियों द्वारा चलाए जा रहे “कन्वर्जन” के षड्यंत्र और “स्वधर्म” की महानता से सभी को अवगत कराया. बारिश में हुई धर्मसभा में सभी नागरिक उत्साह के साथ सम्मिलित हुए.
यह कांवड़ यात्रा झाबुआ के खूमसिंह जी महाराज द्वारा दो दशक पूर्व प्रारंभ की गई थी, ईसाई मिशनरियों द्वारा कन्वर्जन को रोकने और जनजाति बंधुओं के धार्मिक जन-जागरण द्वारा “स्व” का भाव जगाने के लिए यात्रा का आयोजन किया गया था. यह क्रम अभी तक अनवरत चल रहा है.
यात्रा समाप्ति के पश्चात यात्रा में सम्मिलित स्त्री- पुरुष देवझिरी का पवित्र जल अपने गांव की ओर लेकर गए. जनजाति भगिनी बंधु वहाँ जाकर अपने-अपने फलियों में विराजित शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं.