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जयपुर – तुष्टिकरण के खिलाफ बड़ी चौपड़ पर सामाजिक एकजुटता का महाप्रदर्शन - ବିଶ୍ୱ ସମ୍ବାଦ କେନ୍ଦ୍ର ଓଡିଶା

जयपुर – तुष्टिकरण के खिलाफ बड़ी चौपड़ पर सामाजिक एकजुटता का महाप्रदर्शन

जयपुर. दुर्घटना को सांप्रदायिक रंग देने और असामाजिक तत्वों द्वारा चारदीवारी के बाजारों में लूटपाट के विरोध में जयपुर बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले सर्व हिन्दू समाज ने संतों के नेतृत्व में बुधवार को बड़ी चौपड़ पर महाधरना दिया. इसमें हजारों की संख्या में हिन्दू समाज के लोगों ने शांतिपूर्वक धरना दिया. धरने में शामिल लोग तुष्टिकरण बंद करो, आंतकियों को बाहर भगाओ, आवाज दो हम एक हैं, छोटीकाशी की पहचान सौहार्द, संस्कृति और नारी सम्मान… की तख्तियां लेकर पहुंचे. भारत माता और जय श्रीराम के नारों ने उत्साह बनाया.

प्रदर्शन का शुभारंभ संतों के उद्बोधन और देशभक्ति गीतों के साथ हुआ. मंच से पीड़ित परिवार की आर्थिक सहायता करने और विधिक मदद उपलब्ध करवाने की घोषणा के साथ चेतावनी दी गई कि सात दिन में बाजारों में उपद्रव मचाने वाले और सड़क दुर्घटना को मॉब लिचिंग का रूप देने वालों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो पूरे जयपुर बंद का आह्वान किया जाएगा.

मुख्य वक्ता समाजसेवी हेमंत सेठिया ने कहा कि जयपुर में हमेशा से सामाजिक सौहार्द का वातावरण रहा है. सभी समुदाय और वर्ग सदियों से मिल जुल कर रहते आए हैं. लेकिन दूसरे शहरों और राज्यों से लोग आकर यहां का माहौल बिगाड़ रहे हैं. भारत की संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम और सर्वे भवंतु सुखिन: की रही है. यहां सर से तन जुदा और खून का बदला खून का कट्टरपन सहन नहीं किया जाएगा. मुस्लिम समुदाय के प्रबुद्ध लोग ऐसे लोगों को सही राह दिखाएं, उन्हें संस्कारित करें, किसी के बहकावे में आकर गुंडागर्दी पर उतारू नहीं हों. यह किसी के भी लिए अच्छा नहीं है. शांति और सौहार्द सभी समुदायों और समाजों की सामूहिक जिम्मेदारी है.

जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल ने कहा कि व्यापारी समाज कमजोर नहीं है. मुस्लिम समुदाय के समूहों में आपसी झगड़े के बाद दूसरे दिन पुरोहित जी के कटले और दड़ा बाजार को जबरन बंद करवाने, सामान फैंकने की घटना में लिप्त लोगों को गिरफ्तार कर सजा नहीं दी गई तो पूरे जयपुर को बंद किया जाएगा. हम यह भी जानते हैं कि एक घंटे भी बाजार बंद रहता है तो अरबों रूपये के राजस्व का नुकसान होता है, लेकिन अपने अस्तित्व के लिए ऐसा करना हमारी मजबूरी है.

गुर्जर समाज के देवनारायण गुर्जर ने कहा कि समाज के वातावरण को खराब करने वाले और ऐसे तत्वों को संरक्षण देने वाले लोगों को सबक सिखाना होगा. भारत के टुकड़े करने और सनातन का विरोध करने वालों का अस्तित्व मिटाना होगा. वाल्मीकि समाज के मनोज चांवरिया ने कहा कि आज प्रशासन और हिन्दुओं और समुदाय विशेष में भेदभाव बरत रहा है.

सिक्ख समाज के सरदार जसवीर सिंह, मातृशक्ति से मंजू वैष्णव, राजपूत समाज के रणजीत सिंह सोडाला ने भी महाधरने को संबोधित किया. सर्व समाज हिन्दू महासभा के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश भाड़ेवाला, सिंधी समाज से चंद्र प्रकाश खेतानी, साहू समाज के श्याम साहू, मेहरा समाज से हनुमान सहाय मेहरा, यादव समाज से मुकेश यादव, श्री राजपूत करणी सेना के प्रताप कालवी, विप्र सेना के अध्यक्ष सुनील तिवाड़ी सहित विभिन्न समाजों से जुड़े लोग अपने समाज के लोगों के साथ महाधरने में शामिल हुए.

महाधरने में विभिन्न मठ-मंदिरों के संत-महंत-पीठाधीश्वर मंचस्थ थे. कौशल्या दास की बगीची के कानादास  महाराज, सांवल दास बगीची के सियाराम दास महाराज, पापड़ के हनुमान जी के रामसेवक दास महाराज, अमरनाथ महाराज, राम कुटिया के कृष्ण दास महाराज, हाथोज के दक्षिणमुखी बालाजी मंदिर के स्वामी बालमुकुंदाचार्य महाराज, सरना डूंगर के परशुराम दास महाराज, बाल व्यास महाराज, आचार्य भावनाथ, मनीष दास, साध्वी समदर्शी के अलावा गीता गायत्री मंदिर के पंडित राजकुमार चतुर्वेदी, सरस निकुंज के प्रवक्ता, काले हनुमान मंदिर के योगेश शर्मा सहित अनेक संत-महंत उपस्थित रहे.

सरकार के समक्ष मांगें –

  1. दुर्घटना के बाद वीडियो में हरे कपड़े में एक युवक खुद को मंसूरी बताते हुए दिख रहा है. उसी व्यक्ति ने इकबाल की हथियार से हत्या की है, उसे गिरफ्तार किया जाए.
  2. हिन्दू युवक गुंडा तत्वों से आत्मरक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उन पर हत्या की धारा हटाई जाए.
  3. संपूर्ण मामले की निष्पक्ष जांच कर आठ निर्दोष लोगों को रिहा किया जाए.
  4. इस प्रकरण में दो जनप्रतिनिधियों की संलिप्तता की जांच हो.
  5. इकबाल के परिजनों को मॉब लिचिंग के नाम पर पचास लाख का मुआवजा दिया गया, जबकि यह सत्य नहीं है. जांच रिपोर्ट नहीं आने तक या तो मुआवजा राशि वापस ली जाए या दुर्घटना और मॉब लिचिंग में मारे गए हिन्दुओं के परिजनों को भी पचास लाख रूपये दिए जाएं.
  6. जयपुर के बाहर से आकर फुटकर व्यवसाय कर रहे थड़ी-ठेला वालों, ई रिक्शा चालकों की जांच करते हुए पहचान पत्र जारी किए जाएं.
  7. शहर में रात्रि साढ़े दस बजे के बाद समूह में बैठने, तेज गति से बाइक चलाकर भय का माहौल बनाने वालों से जुड़ी सख्त गाइडलाइन बनाकर पालना करवाई जाए.

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