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सबके सामूहिक प्रयास से ही भारत विश्वगुरु बन दुनिया का नेतृत्व करेगा – दत्तात्रेय होसबाले जी - ବିଶ୍ୱ ସମ୍ବାଦ କେନ୍ଦ୍ର ଓଡିଶା

सबके सामूहिक प्रयास से ही भारत विश्वगुरु बन दुनिया का नेतृत्व करेगा – दत्तात्रेय होसबाले जी

जयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने कहा कि हम राइट विंग भी नहीं और लेफ्ट विंग भी नहीं है. हम नेशनलिस्ट हैं. संघ सिर्फ राष्ट्र हित में काम करने वाला है.

सरकार्यवाह बुधवार को एकात्म मानवदर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान की ओर से ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघः कल, आज और कल विषय पर आयोजित दीनदयाल स्मृति व्याख्यान में संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाले सभी हिन्दू हैं, क्योंकि उनके पूर्वज हिन्दू थे. उनकी पूजा पद्धति अलग हो सकती है, लेकिन उन सभी का डीएनए एक है.

संघ केवल शाखा लगाएगा, लेकिन संघ के स्वयंसेवक सभी कार्य करेंगे. उन्होंने कहा कि सभी के सामूहिक प्रयास से ही भारत विश्व गुरु बनकर दुनिया का नेतृत्व करेगा. संघ भारत के सभी मत और संप्रदाय को एक मानता है. अपने मत संप्रदाय की चीजों को बरकरार रखते हुए लोग संघ कार्य कर सकते हैं. संघ रिजिड नहीं है, बल्कि फ्लेक्सिबल है. संघ को समझने के लिए दिमाग नहीं, दिल चाहिए. केवल दिमाग से काम नहीं चलता. दिल और दिमाग बनाना ही संघ का काम है. जीवन क्या है, जीवन के लक्ष्य क्या हैं, ये भी जानें. उन्होंने कहा कि संविधान अच्छा है और चलाने वाले खराब हैं तो संविधान भी कुछ नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि हमारी अगली पीढ़ी सामाजिक कलंक आगे लेकर नहीं जाए, ये ध्यान रहे. इसलिए पर्यावरण की रक्षा, जल, जमीन और जंगल की रक्षा करनी होगी. हमें भारत की अस्मिता और अस्तित्व के लिए समाज को सक्रिय रखना पड़ेगा.

देश में लोकतंत्र की स्थापना में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका रही है, ये बात विदेशी पत्रकारों ने लिखी थी. तमिलनाडु में मतांतरण के विरुद्ध हिन्दू जागरण का शंखनाद हुआ था. उन्होंने संघ के संघर्ष काल को बताया कि किस तरह से संघर्ष के दौर से संघ गुजरा. उस दौर का जिक्र किया, जब पत्रकार संघ के कहने से खबर तक नहीं छापते थे, लेकिन आज संघ छपता है तो अखबार बिकता है. संघ के सैकड़ों लोगों की हत्याएं हुई, लेकिन संघ के कार्यकर्ता डरे नहीं है. संघ सिर्फ राष्ट्र हित में काम करने वाला है.

सरकार्यवाह जी ने कहा कि देश में आज संघ समाज जीवन के सभी क्षेत्रों में सक्रिय है, यदि कहीं विपदा आती है तो संघ के स्वयंसेवकों को ही याद किया जाता है. उन्होंने विनोद में कहा कि एक समय था कि जब संघ की एक लाइन अखबार में छपाने के लिए काफी परेशान रहा करते थे, लेकिन आज संघ के किसी अधिकारी के शहर में प्रवास कार्यक्रम की भी खबर बन जाती है. संघ ने हर दर्द को सहा और कहा एन्जॉय द पेन. आज राष्ट्र जीवन के केंद्र बिंदु पर संघ है. संघ व्यक्ति निर्माण और समाज निर्माण के कार्य करता रहेगा. समाज के लोगों को जोड़कर समाज के लिए काम करेगा. आज संघ के एक लाख सेवा कार्य चलते हैं. संघ एक जीवन पद्धति और कार्य पद्धति है. संघ एक जीवन शैली है और संघ आज एक आंदोलन बन गया है. हिन्दुत्व के सतत विकास के आविष्कार का नाम आरएसएस है.

डॉ. हेडगेवार ने 1940 में संघ शिक्षा वर्ग में कहा था कि बाबा साहब आम्बेडकर भी एक शिविर में आए थे. तब बाबा साहब ने पूछा था कि अस्पृश्य और स्पृश्य कौन हैं? तब हेडगेवार ने कहा, हम सभी हिन्दू हैं. सभी वर्ण हम सभी में है. न कोई अस्पृश्य है ना ही कोई स्पृश्य. हम सभी चारों ही वर्णों के कार्यों को करते हैं.

भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं प्रतिस्थान अध्यक्ष डॉ. महेश चन्द्र शर्मा ने प्रस्तावना रखी.

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