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निमाड़ के ब्रह्मपुर का हरदा ग्राम, आदर्श ग्राम की कल्पना का श्रेष्ठ उदाहरण है – दत्तात्रेय होसबाले जी - ବିଶ୍ୱ ସମ୍ବାଦ କେନ୍ଦ୍ର ଓଡିଶା

निमाड़ के ब्रह्मपुर का हरदा ग्राम, आदर्श ग्राम की कल्पना का श्रेष्ठ उदाहरण है – दत्तात्रेय होसबाले जी

हरदा ग्राम, बुरहानपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी आज एक दिवसीय प्रवास पर आदर्श ग्राम हरदा पहुँचे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लंबे समय से हरदा ग्राम में समग्र ग्राम विकास एवं स्वावलंबन को लेकर काम कर रहा है. जनजातीय बाहुल्य इस ग्राम में जनजाति समाज निवासरत है.

अपने प्रवास के दौरान सरकार्यवाह जी ने कहा कि इस ग्राम ने अपनी संस्कृति, पर्यावरण, परंपराओं को सहेजने के साथ-साथ नशा मुक्त होकर एक आदर्श ग्राम के रूप में देशभर में स्थापित किया है. हर किसी को ऐसे ग्राम के दर्शन करना चाहिए एवं और प्रत्येक ग्राम को इसी प्रकार के आदर्श स्थापित करने के लिए प्रयास शुरू करना चाहिए.

सरकार्यवाह जी के ग्राम दर्शन कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों ने लोक संस्कृति का प्रकटीकरण किया. ग्राम के बालकों, बालिकाओं, मातृशक्ति, युवाओं, वृद्धजन सभी ने अपने पारंपरिक उत्सवों – परंपराओं जैसे नागपंचमी, जिरोती, गोवर्धन पूजा, संझा पूजा, गणगौर आदि का प्रकटीकरण कर प्राचीन और लोक मंगलकारी परम्परा से परिचित करवाया.

सरकार्यवाह जी ने जनजातीय समाज द्वारा अच्छी वर्षा के लिये किया जाने वाला “डेडर माता” का पूजन भी किया एवं उन्हें जल चढ़ाया. उन्होंने घट्टी पर पीसकर बनाये जाने वाली पारंपरिक रसोई भी देखी जो आज भी घर-घर में उपयोग होती है.

एक आदर्श ग्राम के लिए जो भी कल्पना हो सकती है, वह आदर्श ग्राम हरदा में देखी जा सकती है. मनोरंजन के लिए पारंपरिक लोकनृत्य हो या प्रकृति संरक्षण के लिए ग्राम देव का पूजन सभी अपने आप में अद्भुत है. वास्तव में आदर्श ग्राम हरदा उस वाक्य को सिद्ध करता है, जहां कहा जाता है कि भारत आज भी गाँव में बसता है.

ग्राम में गौ आधारित स्वावलंबन की दिशा में भी भी अच्छे प्रयास हो रहे हैं. सरकार्यवाह जी ने कृषि में उपयोग होने वाले घरेलू कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी भी देखी, जिसके उपयोग से ग्राम आत्मनिर्भर हो रहा है.

ग्राम के पारंपरिक खेल का प्रदर्शन भी ग्रामीणों ने किया जो शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए आवश्यक है.

हरदा ग्राम में जनसहयोग से पंद्रह वर्ष पहले तालाब का निर्माण किया गया था जो आज भी खेती के लिए सहायक है. ग्राम एवं इसके आसपास के क्षेत्र में डेढ़ लाख सीताफल के पेड़ लगाए हैं जो ग्रामवासियों के रोजगार का एक उत्तम साधन है.

गाँव का काम – राम का काम

प्रभु श्री राम जिस प्रकार से प्रजा के हित का चिंतन करते थे, आज इस ग्राम के सभी निवासी उसी भूमिका में हैं. गाँव के प्रत्येक परिवार का सुख-दुख सभी का सामूहिक सुख-दुख है एवं हर परिस्थिति में एक दूसरे के सहयोग के लिए ग्रामीण तैयार रहते हैं. सबका भला करना ही धर्म का काम है. इसलिए गाँव का काम वास्तव में राम का काम ही है.

सरकार्यवाह जी के आगमन की प्रसन्नता में ग्रामीणों ने सम्पूर्ण गांव को अधिक सुंदर बना दिया, घरों के बाहर मार्गों में सुंदर रंगोलियां तथा मांडने बनाए गए.

बुरहानपुर ज़िले का हरदा ग्राम आज सभी व्यसनों से दूर है और परंपराओं का संरक्षण कर रहा है. संघ की “ग्राम विकास गतिविधि” के अंतर्गत वर्षों से इस गांव को प्रभात गांव बनाने के सतत प्रयास चल रहे थे.

सरकार्यवाह जी के साथ ग्राम दर्शन में मालवा प्रांत संघचालक प्रकाश जी शास्त्री, प्रांत प्रचारक बलीराम जी पटेल तथा ग्राम विकास गतिविधि के कार्यकर्ता उपस्थित थे.

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