भारतीय किसान संघ का तीन दिवसीय अखिल भारतीय गौ-आधारित जैविक कृषि कृषक सम्मेलन जम्बूद्वीप, हस्तिनापुर, मेरठ में संपन्न
देशभर से गौ आधारित जैविक खेती करने वाले 426 किसान हुये शामिल, गौ आधारित खेती से लागत कम कर कृषि लाभकारी बन सकती है
मेरठ/हस्तिनापुर 19 मार्च 2023. भारतीय किसान संघ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय गौ-आधारित जैविक कृषि ‘कृषक सम्मेलन’ के अंतिम दिन रविवार को सार्वजनिक सभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि भारत में गौ आधारित खेती ही स्वावलंबी व आत्मनिर्भर खेती है. जिसमें खेती की लागत को कम कर उसे लाभकारी बनाया जा सकता है. जैविक खेती से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. साथ ही मनुष्य के स्वास्थ्य को भी सुरक्षित किया जा सकता है.
भारत में गाय दूध के लिये नहीं, बल्कि गाय खेती के लिये थी. गौ आधारित कृषि करते हुये ही हम आज रासायनिक खेती के युग तक आ गये हैं. जिसका दुष्प्रभाव आज हमारे सामने है. उन्होंने पंजाब का उदाहरण देते हुये कहा कि रासायनिक खेती के कारण पंजाब में कैंसर ट्रेन चलने लगी है. इससे बचने के लिये आधुनिक तकनीकि का प्रयोग करते हुये परंपरागत गौ आधारित जैविक कृषि की तरफ वापिस लौटना होगा. जिससे भारत ही नहीं, अपितु संपूर्ण विश्व समाज के स्वास्थ्य व पर्यावरण रक्षा सुनिष्चित हो सकेगी.
भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा कि देशभर में उत्पादन करने के नाम पर रासायनिक खेती करने के लिये किसानों को प्रेरित किया गया. जिसका दुष्परिणाम कैंसर के रूप में हमारे सामने है. भारतीय किसान संघ हमेशा से गौ आधारित जैविक खेती का पक्षधर रहा है और इसके लिये अनेक प्रयास भी किये हैं. आज सारी दुनिया में जैविक उत्पादों की मांग बढ़ी है. देश भर के गौ आधारित जैविक खेती करने वाले भारतीय किसान संघ के 426 किसान कार्यकर्ता मेरठ के हस्तिनापुर में आकर देश के नागरिकों को पोषणयुक्त खाद्यान्न मिले. इस हेतु कार्य करने का संकल्प लेकर जा रहे हैं.
कार्यक्रम का संचालन मेरठ प्रांत के महामंत्री डॉ. कुलदीप कुमार ने किया. इस अवसर पर एक गौ आधारित जैविक कृषि की स्मारिका का विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया गया.
देश के 35 प्रांतों से जैविक खेती करने वाले कृषक हुए शामिल
भारतीय किसान संघ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय गौ आधारित जैविक कृषि कृषक सम्मेलन में देश भर से जैविक खेती करने वाले भारतीय किसान संघ के किसानों का जमावड़ा जम्मू द्वीप जैनतीर्थ में रहा. प्रदेश महामंत्री राज सिंह चौहान ने बताया कि कृषक सम्मेलन में देश के 35 प्रांतों से 426 किसान संघ कार्यकर्ता सम्मिलित हुए. जिन्होंने तीन दिनों तक रहकर जैविक खेती के लाभ, उपयोगिता व उसके विपणन में आने वाली समस्याओं के समाधानों को समझा.
जैविक उत्पादों की प्रदर्शनी
जैविक कृषक सम्मेलन स्थल पर जैविक उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई. जिसका उद्घाटन प्रथम दिन एपीडा के डारेक्टर डी डी के शर्मा, किसान संघ के अखिल भारतीय अध्यक्ष बद्रीनारायण चौधरी व महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र की उपस्थिति में किया गया. प्रदर्शनी में देश भर से आये किसानों व कृषक उत्पादक समूहों ने अपने जैविक उत्पादों को प्रदर्शित किया. प्रदर्शनी में देशी बीजों को संग्रहित व संरक्षित करने के लिये तैयार किये जा रहे बीज बैंकों को भी प्रदर्शित किया गया. साथ ही प्रदर्शनी में विभिन्न विभागों, कृषक उत्पादक समूहों, सहकारी स्वामित्व कंपनी इफको, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के स्टाल प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहे.