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आलीराजपुर – ३५ साल से चल रहा था अवैध मिशनरी बालगृह; धर्मांतरण व करोड़ों की विदेशी फंडिंग की आशंका - ବିଶ୍ୱ ସମ୍ବାଦ କେନ୍ଦ୍ର ଓଡିଶା

आलीराजपुर – ३५ साल से चल रहा था अवैध मिशनरी बालगृह; धर्मांतरण व करोड़ों की विदेशी फंडिंग की आशंका

इंदौर. इंदौर के पास जोबट में कन्वर्जन का खुलासा हुआ है. जोबट के मिशनरी बाल गृह की संस्था अध्यक्ष कल्पना डेनियल पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है. संस्थान को लेकर लंबे समय से शिकायतें आ रहीं थी, जिसके आधार पर राज्य बाल संरक्षण आयोग ने संस्थान का निरीक्षण किया और जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है. आयोग के सदस्यों ने कहा कि मामला बेहद गंभीर है और अब यहां के सभी 13 सदस्यों पर एफआईआर दर्ज की जाएगी. यह भी पता चला है कि बिना पंजीयन के ही यह संस्था 35 साल से चल रही थी.

क्या है मामला

जोबट के नर्मदा नगर में आदिवासी सहायता समिति की ओर से बाल गृह संचालित किया जा रहा है. इसकी कई शिकायतें आ चुकीं थी. इसके बाद राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह, सोनम निनामा ने स्थानीय बाल कल्याण समिति अध्यक्ष और अधिकारियों के साथ सोमवार को जांच की. आयोग ने निरीक्षण में पाया कि संस्था का संचालन गैर कानूनी तरीके से किया जा रहा था. किशोर न्याय अधिनियम की धारा 42 के तहत बालगृह पंजीयन के दस्तावेज मांगने पर समिति अध्यक्ष कल्पना डेनियल उपलब्ध नहीं करा पाईं. दरअसल, यह संस्था बिना पंजीयन के ही 35 साल से संचालित हो रही थी. इसके बाद बाल आयोग ने जोबट पुलिस थाने में नियमों का उल्लंघन करने पर एफआईआर दर्ज करवाई. संस्था अध्यक्ष के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम का उल्लंघन करने पर एफआईआर दर्ज की गई है. मंगलवार सुबह टीम फिर पहुंची और बयान लिए गए. पालकों के अलावा यहां रहने वाले बच्चों को भी बयान के लिए बुलाया गया. बच्चों का मेडिकल कराकर उनके बयान भी दर्ज किए गए हैं.

कन्वर्जन की आशंकामानव तस्करी पर भी जांच

बाल आयोग सदस्य ओंकार सिंह ने धर्मांतरण की आशंका भी जाहिर की है. बच्चों को कहां से लाया गया, यह भी पता लगाया जा रहा है. मामले में मानव तस्करी की भी आशंका है. महिला व बाल विकास विभाग के माध्यम से पुलिस को आवेदन देकर समिति अध्यक्ष के खिलाफ जेजे एक्ट के उल्लंघन की शिकायत की है.

71 बच्चे मिले, 59 नाबालिग

यहां 71 बालक-बालिकाएं मिले, जिनमें 59 नाबालिग हैं. यहां 35 बालिकाएं मिलीं, जिनमें 30 नाबालिग हैं. अधिकांश बालिकाएं अनाथ हैं. एक अलग भवन में 36 बालक भी निवासरत हैं, जिनमें 29 नाबालिग हैं. साथ ही वृद्धाश्रम भी संचालित किया जा रहा है, जिसमें 13 वृद्ध रह रहे हैं.

चौंकाने वाली जानकारी

हर बच्चे के पास बाइबिल भी मिली, जिससे अनाथ बच्चों का धर्मांतरण किए जाने की आशंका है.

संस्थान के भीतर सर्जिकल औजार भी पाए गए.

बाल गृह के वार्डन कक्ष में आपत्तिजनक सामान भी मिला.

बच्चों को स्थानीय चर्च में प्रार्थना के लिए भी ले जाया जाता था.

अवैध रूप से करोड़ों रुपये की विदेशी फंडिंग के दस्तावेज आयोग को मिले हैं.

कुछ अन्य दस्तावेज, शपथ-पत्र भी मिले हैं…जिससे धर्मांतरण की पुष्टि हो रही है.

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