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100 करोड़ कमाने के लिए नहीं, 100 करोड़ को जगाने के लिए फिल्म बनाता हूँ – सुदीप्तो सेन - ବିଶ୍ୱ ସମ୍ବାଦ କେନ୍ଦ୍ର ଓଡିଶା

100 करोड़ कमाने के लिए नहीं, 100 करोड़ को जगाने के लिए फिल्म बनाता हूँ – सुदीप्तो सेन

इंदौर. द केरल स्टोरी के निर्देशक सुदीप्तो सेन ने कहा कि देश में फिल्म निर्माण के क्षेत्र में सुनियोजित तरीके से एक वामपंथी विचारधारा कार्य करती है जो यह समझती है कि आम जनता को जैसा बताएंगे, वही मान्य हो जाएगा. भारतीय सिनेमा को संभवतः इसीलिए बॉलीवुड के नाम से चलाया भी जाता है.

केरल स्टोरी के बाद मुझे समझ में आया कि फिल्में वास्तव में समाज परिवर्तन का प्रभावी माध्यम हैं. केरल स्टोरी बनाने के बाद से ही जब अनेक कानूनी व आर्थिक समस्याएं सामने आईं तो भय था कि फिल्म रिलीज भी हो पाएगी या नहीं, पर इसके रिलीज होने के दो माह में ही जैसा प्रतिसाद समाज की ओर से आया तो विश्वास हो गया कि देश में एक बड़ा परिवर्तन आ रहा है.

सुदीप्तो सेन, इंदौर में डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति के वार्षिक व्याख्यान कार्यक्रम (शनिवार, 01 जुलाई) में “समाज परिवर्तन में सिने जगत की भूमिका” विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे.

सेन ने कहा कि फिल्म को कुछ लोगों ने प्रोपेगंडा कह कर दुष्प्रचारित किया. केरल में यह फिल्म हाऊसफुल रही, हैदराबाद में इसने 23 करोड़ की कमाई की और बिहार में भी लोगों ने इसे बेहद पसंद किया. आज इस विषय पर समाज में खुलकर चर्चा होने लगी है. जिन 3.5 करोड़ लोगों ने यह फिल्म देखी है, वे ही इस विमर्श को बाकी समाज तक लेकर जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि अब एक वर्ग विशेष कन्टेन्ट पर कन्ट्रोल नहीं रखेगा, समाज अपना एजेंडा खुद तय करेगा. भारत में आगे जो फिल्म बनेगी, उन पर समाज की सोच दृष्टिगत होगी. कोई भी एक विशेष विचारधारा अब काम नहीं करेगी.

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ. विषय प्रस्तावना रखते हुए विनय पिंगले ने कहा कि आज समाज के महत्वपूर्ण मुद्दे नई फिल्मों के माध्यम से सार्थक हो रहे हैं और समाज को सही दिशा दिखा रहे हैं.

कार्यक्रम अध्यक्ष प्रख्यात फिल्म निर्माता देवेन्द्र मालवीय ने कहा कि मैं सुदीप्तो सेन जी को धन्यवाद देता हूँ कि उन्होंने अफगानिस्तान और सीरिया के मरुस्थल में दफन भारत की बेटियों की व्यथा समाज के सम्मुख प्रस्तुत की. कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में विक्रम सिंह पंवार की उपस्थिति रही. कार्यक्रम का संचालन अभिराम भिसे ने किया तथा आभार सुजीत सिंहल ने व्यक्त किया. कार्यक्रम का समापन वन्देमातरम् के साथ हुआ.

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