मणिपुर में पिछले 45 दिनों से लगातार हो रही हिंसा बेहद चिंताजनक है. 03 मई, 2023 को चुराचांदपुर में लाई हराओबा उत्सव के समय आयोजित विरोध रैली के बाद मणिपुर में जो हिंसा और अनिश्चितता शुरू हुई, वह निंदनीय है. यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि सदियों से आपसी सौहार्द और सहयोग से शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत करने वालों के मध्य में जो अशांति और हिंसा भड़क उठी, वह अभी तक नहीं रुकी है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भयानक दुःख की इस अवधि के दौरान मणिपुर संकट के विस्थापितों और अन्य पीड़ितों, जिनकी संख्या 50,000 से अधिक है, के साथ खड़ा है . राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का यह सुविचारित मत है कि लोकतान्त्रिक व्यवस्था में हिंसा और घृणा के लिए कोई स्थान नहीं है और वह यह भी मानता है कि किसी भी समस्या का समाधान आपसी संवाद और शांतिपूर्ण वातावरण में भाईचारे की अभिव्यक्ति से ही संभव है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सभी से अपील करता है कि वे परस्पर विश्वास में आयी कमी को दूर करें जो वर्तमान संकट का कारण है. इसके लिए दोनों समुदायों के व्यापक प्रयासों की आवश्यकता है. इसका समाधान मैतेई लोगों के बीच असुरक्षा और निस्सहायता की भावना और कुकी समुदाय की वास्तविक चिंताओं को एक साथ संबोधित करके किया जा सकता है.
संघ स्थानीय प्रशासन, पुलिस, सेना और केंद्रीय एजेंसियों सहित सरकार से अपील करता है कि वे इस दर्दनाक हिंसा को तुरंत रोकने के लिए हर-संभव कदम उठाएं, तथा शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्रवाई के साथ-साथ विस्थापितों के बीच राहत सामग्री की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करें.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूरे नागरिक समाज, मणिपुर के राजनीतिक समूहों, और आम लोगों से अपील करता है कि वे वर्तमान अराजक और हिंसक स्थिति को समाप्त करने के लिए हर-संभव पहल करें और मणिपुर राज्य में मानव जीवन की सुरक्षा और स्थायी शांति सुनिश्चित करने में मदद करें.
दत्तात्रेय होसबाले
सरकार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ