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सनातन धर्म में विश्व कल्याण की कामना, धर्मांतरण न होने दें – पू. महामंडलेश्वर स्वामी जनार्दन हरि जी - ବିଶ୍ୱ ସମ୍ବାଦ କେନ୍ଦ୍ର ଓଡିଶା

सनातन धर्म में विश्व कल्याण की कामना, धर्मांतरण न होने दें – पू. महामंडलेश्वर स्वामी जनार्दन हरि जी

जामनेर. अखिल भारतीय हिन्दू गोर बंजारा लबाना नायकड़ा समाज कुंभ के चौथे दिन धर्मसभा में महामंडलेश्वर स्वामी जनार्दन हरि जी ने कहा कि घर-घर में व्याप्त हमारा सनातन धर्म विश्व कल्याण की कामना करता है. इसलिए धर्मांतरण न होने दें. घर-घर में “हां म हिन्दू छु” के स्टिकर लगाएं.

इस अवसर पर मंच पर पू. बाबूसिंह जी महाराज, पू. गोपाल चैतन्य जी महाराज, शरदराव ढोले, पू. सुरेश जी महाराज, पू. गोवर्धन जी महाराज, शाम जी हरकरे, पू. विष्णु जी महाराज, डॉ . गणेश जी राठौड़, पू. विश्वेशरानंद जी महाराज, संत सिद्धेश्वरी दीदी, डॉ. रणजीत सिंह नाईक (गुजरात), संत हिम्मत जी महाराज, पू. राघवानंद जी महाराज, पू. महामंडलेशवर विश्वेश्वरानंद जी महाराज उपस्थित थे.

महामंडलेश्वर स्वामी जनार्दन हरिजी ने अपने उपदेश का आरंभ गोरमाटी भाषा में “हा म हिन्दू छु” कहते हुए किया. कोई बीमारी हुई हो और बीमार ठीक करने के बहाने कोई चर्च में चलने के लिए कहे तो उसे बताएं कि मस्तक कट जाए तो भी चलेगा, लेकिन अन्य धर्म में नहीं जाऊंगा. धड़ दीजिए, धर्म न छोड़िए. कई महापुरुषों ने सनातन धर्म के लिए बलिदान दिया है. अपने संतों की बात सुनिए. इतने सारे संत एक ही मंच पर बैठना और एक ही विचार से एकत्र आना, इस कुंभ की सफलता है.

उन्होंने कहा कि बंजारा समाज अनपढ़ नहीं है. जीने के लिए संस्कार और संस्कृति आवश्यक है. बंजारा समाज में सांस्कृतिक दर्शन मिलता है. “हां म हिन्दू छु” के स्टिकर बनाकर घर-घर लगाएं. हिन्दू संस्कृति में विश्व कल्याण हेतु प्रार्थना की जाती है. आज हमें पुरुषार्थ करने का अवसर मिला है. देश, धर्म और समाज बलिदान से बनता है. मतभेद हो तो चलेगा, लेकिन मनभेद नहीं होने चाहिए. अपनी संस्कृति का स्मरण दिलाने और एकता के लिए कुंभ है.

कार्यक्रम में तेलंगाना व महाराष्ट्र के कलाकारों ने पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया. शाम हरकरे जी ने कहा कि भारत पर कई विदेशी आक्रमण हुए जो देश ने कुछ ही समय में पचा लिए. संतों की परंपरा होने के कारण भारत बचा रहा, लेकिन ईसाई मिशनरियों के धार्मिक आक्रमण के कारण देश में सात करोड़ लोग ईसाई बन गए हैं जो हमारे बीच में से हुए हैं. हमसे दूर होने वाले लोगों को वापस लाने की हमारी हजारों वर्षों की परंपरा है. भक्ति से जागरण होता है और समाज जोड़ा जाता है. इस कुंभ के लिए पू. बाबूसिंह जी महाराज व गोपाल चैतन्य जी महाराज ने सभी संतों को आमंत्रित किया है.

पू. गोवर्धन जी महाराज ने कहा कि बंजारा समाज जुझारू है. हमारा समाज हिन्दुत्व जीने वाला और जतन करने वाला है. आज कुछ विघातक शक्तियां समाज में धर्मांतरण कर रही हैं. विदेशी शक्तियां हिन्दुत्व तोड़ने का प्रयास कर रही हैं. बंजारा हमारी जाति और हिन्दू हमारा धर्म है. विदेशी ताकतों का षड्यंत्र विफल बनाएं.

विष्णु जी महाराज ने कहा कि हम हिन्दू हैं और बंजारा जाति है. जो चले गए हैं, उन्हें वापस लाकर उनका स्वागत करेंगे. धर्म के नौकर बनकर धर्मांतरित होने वालों से संवाद साधकर उन्हें वापस लाएंगे. यह कुंभ धर्म जागरण के लिए है.

डॉ. रणजीत सिंह जी नाइक ने कहा कि बंजारा समाज दयावान है. आप हिन्दू नहीं हो, यह कहने की उन लोगों की हिम्मत कैसे होती है? आदिकाल से लेकर बंजारा समाज हिन्दू धर्म की रक्षा करता आया है. राजस्थान में बंजारा समाज के इष्ट देव शंकर भगवान हैं.

साध्वी सिद्धेश्वरी दीदी जी ने कहा कि मेरे समाज में धार्मिकता है. हम हिन्दू हैं, यह हमारे बंधुओं को कहना पड़ता है. छोटी-छोटी बात के लिए धर्म परिवर्तन होता है. बच्चों को विद्यालय में प्रवेश दिलवाते समय वह कौन-से धर्म का है, इसकी जानकारी लें. धर्मांतरण के विरुद्ध संतों को भविष्य में भी आगे आना होगा.

संत हिम्मत जी महाराज ने कहा कि समाज को नशे की लत से दूर रहना चाहिए. समाज आस्थावान है. संतों के विचार घर-घर में पहुंचने चाहिए.

हरी शरणानंद जी महाराज ने कहा कि अपनी छोटी सी महत्वाकांक्षा के कारण हम विभाजित हो गए हैं. खुले आकाश में जीन के लिए सनातन धर्म है. हम बदलेंगे तो युग बदलेगा.

राघवानंद जी महाराज ने कहा कि हमारा समाज विघटित हो रहा है, यह दुखद है. गोर बंजारा समाज का गौरवशाली इतिहास रहा है, लेकिन समाज भटक रहा है. हमारा धर्म सनातन धर्म है.

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