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हम इस्रायल के साथ, हमास के एक-एक आतंकी को सबक सिखाकर ही रुके इस्रायल- डॉ. सुरेंद्र जैन - ବିଶ୍ୱ ସମ୍ବାଦ କେନ୍ଦ୍ର ଓଡିଶା

हम इस्रायल के साथ, हमास के एक-एक आतंकी को सबक सिखाकर ही रुके इस्रायल- डॉ. सुरेंद्र जैन

मुंबई. विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन जी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कट्टरपंथी आतंकी गैरमुस्लिमों को परेशान कर रहे हैं. भारत में अगर हिन्दू उनका शत्रु है तो पश्चिमी जगत में क्रिश्चियन एवं यहूदी उनके लिये शत्रु हैं. हमास पिछले कुछ दिनों से जो बर्बरतापूर्वक अत्याचार कर रहा है, वह मानवता पर काला धब्बा है. विश्व हिन्दू परिषद इस्रायल के साथ खड़ा है. विश्व हिन्दू परिषध की ओर से आह्वान करता हूं कि जब तक एक-एक आतंकी को सबक नहीं सिखाते, तब तक अपना अभियान जारी रखें. हमास को नेस्तनाबूत करके ही रुकिये.

छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक का ३५०वां वर्ष और विश्व हिन्दू परिषद षष्ठीपूर्ती वर्ष के उपलक्ष्य में बजरंग दल द्वारा सिंधुदुर्ग से मुंबई शिवशौर्य यात्रा का आयोजन किया गया. रविवार, १५ अक्तूबर को यात्रा के समापन समारोह में डॉ. सुरेंद्र जैन जी ने संबोधित किया. दादर के राजा बढे चौक में संपन्न समारोह में महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरीजी महाराज, अभिनेता राहुल सोलापुरकर, ह.भ.प. जयेश महाराज भाग्यवंत, लेफ्टनंट कर्नल (सेवानिवृत्त) मनोज कुमार सिन्हा, लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) जगदीप सिंह मनचंदा, भजन सम्राट अनूप जलोटा, वरिष्ठ फिल्म निर्देशक राजदत्त जी आदि गणमान्य उपस्थित रहे.

सुरेंद्र जैन जी ने कहा कि कुछ लोग आज हमास का समर्थन कर रहे हैं. हमास के समर्थन से मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने वाले कल पाकिस्तान का भी समर्थन कर सकते हैं. इस प्रकार की बर्बरता का समर्थन कैसे हो सकता है? विश्वभर में बड़ी मात्रा में मुस्लिम समाज हमास के समर्थन में खड़ा है, यह खेदजन्य है. शतकों से उन्होंने एक ही मोडस ऑपरेंडी अपनाई है. महिलाओं व बच्चों पर अत्याचार करना आदि और यह कई वर्षों से चला आ रहा है.

भारत में हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज का जीवन अनुकरणीय है. उसी तरह छत्रपति संभाजी महाराज का स्मरण भी आवश्यक है. संभाजी महाराज ने औरंगजेब से निरंतर लड़ते रहे. औरंगजेब ने उन्हें धोखे से पकड़ा, उनकी जीभ काट ली, उनकी आंखें नोंच लीं, बर्बरतापूर्वक अत्याचार किये. परंतु, फिर भी महाराज ने धर्म परिवर्तन नहीं किया. इसीलिये हम उन्हें धर्मवीर शब्द से गौरवान्वित करते हैं.

नवरात्रि की पार्श्वभूमि पर कार्यक्रमों आयोजकों का आह्वान किया कि दांडिया खेलने वालों के आधार कार्ड चेक करें, उनके माथे पर तिलक लगाएं, हाथ में कलावा बांधें. माता दुर्गा की भक्ती न करने वाले व्यक्ति को पंडाल में प्रवेश न मिले, इसके बारे में जागरुक रहें. क्योंकि कट्टरपंथी अराजक तत्व नवरात्रि के कार्यक्रमों में महिलाओं को टार्गेट (लक्ष्य) करते हैं और इस माध्यम से लव जिहाद को अंजाम देते हैं.

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