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नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए विद्या भारती के विद्यालय तैयार – अवनीश भटनागर - ବିଶ୍ୱ ସମ୍ବାଦ କେନ୍ଦ୍ର ଓଡିଶା

नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए विद्या भारती के विद्यालय तैयार – अवनीश भटनागर

2025 तक हर जिला, प्रखंड में होगा विद्या भारती का विद्यालय

रांची. विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान प्रांत समितियों के माध्यम से देशभर में विद्यालयों का संचालन करता है. वर्तमान में विद्या भारती के देशभर में 12,500 विद्यालय चल रहे हैं. इन विद्यालयों में 1.34 लाख शिक्षक कार्यरत हैं.

विद्या भारती के अखिल भारतीय महामंत्री अवनीश भटनागर दो दिनों के प्रवास पर रांची में हैं. इस दौरान एक समाचार पत्र से बातचीत में बताया कि भारत सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए उनके विद्यालय पूरी तरह से तैयार हैं. नई शिक्षा नीति के तहत 96 प्रतिशत शिक्षकों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 तक देशभर में 15,000 औपचारिक विद्यालय प्रारंभ करने की योजना है. उस समय तक देश का कोई भी जिला और प्रखंड ऐसा नहीं होगा, जहां विद्या भारती का विद्यालय नहीं चल रहा होगा.

उन्होंने कहा कि अभी 19वीं शताब्दी की शिक्षा प्रणाली को 20वीं शताब्दी के शिक्षक 21वीं शताब्दी के बच्चों को पढ़ा रहे हैं. यह शिक्षा कैसी होगी, सोचने वाली बात है. भारत सरकार की घोषणानुसार एक अप्रैल 2024 से नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद इसमें बदलाव आएगा और विद्या भारती भी 21वीं शताब्दी के बच्चों को ध्यान में रखते हुए अपने शिक्षकों की गुणवत्ता बढ़ाने पर ध्यान दे रही है.

अनौपचारिक विद्यालयों के माध्यम से मतांतरण में आएगी कमी

जनजातीय क्षेत्रों में ईसाई मिशनरियों द्वारा चलाए जा रहे विद्यालयों के माध्यम से अवैध मतांतरण को मिल रहे बढ़ावे को रोकने के लिए विद्या भारती की योजना के सवाल पर कहा कि ईसाई मिशनरियां इन क्षेत्रों में लगभग 200 वर्षों से काम कर रही हैं. हम लोग तो लगभग 50-60 वर्षों से इस क्षेत्र में हैं. आने वाले समय में विद्या भारती की ओर से जनजातीय, पर्वतीय, सीमांत और पिछड़े बस्तियों में चलाए जा रहे अनौपचारिक विद्यालयों के माध्यम से इसमें निश्चित रूप से कमी आएगी.

अभी झारखंड, बिहार, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पंजाब सहित पूरे देश में लगभग 12,000 अनौपचारिक एकल विद्यालय समाज के सहयोग से चलाए जा रहे हैं. झारखंड में इनकी संख्या 623 है. यह पूरी तरह निःशुल्‍क हैं. अगले दो वर्षों में इसे 15000 करने का लक्ष्य है.

राष्ट्रीय महामंत्री ने बताया कि विद्या भारती के विद्यालयों में मुस्लिम और ईसाई बच्चे भी पढ़ते हैं. 64,000 मुस्लिम व 10,000 के लगभग ईसाई बच्चे अध्ययनरत हैं. 58,000 दिव्यांग बच्चे भी हैं. झारखंड में भी 7406 मुस्लिम बच्चे हैं. स्कूलों में कई शिक्षक भी मुस्लिम हैं.

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 109 व मणिपुर में आठ विद्यालय चल रहे हैं. वहां चल रहे हिंसा के दौरान भी विद्या भारती के स्कूलों को कोई परेशानी नहीं हुई. मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 1,700 विद्यालय हैं. वहीं उत्तर प्रदेश में 1,100 व झारखंड में 214 हैं.

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