सूरत, गुजरात. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि अंगदान देशभक्ति का काम है, देश भक्ति का ही स्वरूप है. अंगदाता परिवार देवता समान हैं. जिन लोगों का जीवन खराब होने वाला है, क्योंकि उनका एक अंग बेकाम हो गया…. मेरे पास है और अब मैंने उसका उपयोग कर लिया, अब मैं जिंदा नहीं रहने वाला हूं. तो मैं क्यों न उसका दान करूं..! मृत्यु के उपरांत अगर शरीर किसी के काम आ सकता है तो करना ही चाहिए. मनुष्य शरीर का उपयोग क्या है? मनुष्य शरीर का उपयोग सबके लिए जीना, और सबके लिए मरना यही तो मनुष्य जीवन है. इस देश के लिए जीना, इस देश के लिए मरना, तो मरने के उपरांत भी जो जीवन बाकी है, कुछ अंग बाद में कुछ समय तक जीवित रहते हैं, वो अंग अगर दूसरे व्यक्तियों के उपयोग के लिए उपलब्ध करा देना हमारा कर्तव्य है. यह मनुष्य का धर्म है.
त्याग का परम आदर्श तो दधीचि हैं. पहले अंगदाता वो हैं. ऐसा ये पवित्र कर्तव्य है और ये देशभक्ति है. हमारे देश के लाखों लोगों को अंगों की प्रतीक्षा में कितनी यातनाएं सहनी पड़ती हैं. खर्चा होता है, खर्चा करने के बाद वर्षों तक वेटिंग लिस्ट में रहना पड़ता है… स्वतंत्र देश में अपनी आवश्यकता कोई अमेरिका, इंग्लैंड पूरा करने वाला नहीं है, हमको ही करनी है. हम इस पथ पर बढ़ चले हैं. एक-एक पग डाल रहे हैं.
सरसंघचालक जी डोनेट लाइफ, सूरत द्वारा बुधवार (27 सितंबर, 2023) को पंडित दीनदयाल उपाध्याय इंडोर स्टेडियम में आयोजित अंगदाता परिवार सम्मान समारोह में संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम में अंगदान करने वाले 63 परिवारों को सम्मानित किया गया.
उन्होंने कहा कि मातृभूमि के पुत्र के रूप में, जो व्यक्ति एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है और दूसरों के दर्द को समझ सकता है और उनके सुख-दुख में शामिल हो सकता है, वह “जन” है. उन्होंने कहा कि मनुष्य को नारायण बनना चाहिए, शारीरिक, बौद्धिक और मानसिक रूप से सक्षम बनना चाहिए और समाजरूप भगवान के चरणों में अच्छा दान देना चाहिए. सूरत के लोगों के पास सूरत और सीरत दोनों हैं जो किस्मत से मिलते हैं. जिस प्रकार सूरत पूरे देश में स्वच्छता में दूसरे स्थान पर है, उसी प्रकार अंगदान जैसी गतिविधियों में भी सूरत अग्रणी रहेगा, ऐसी आशा व्यक्त की. अंगदान एक अच्छा कार्य है और हम समाज के साथ मिलकर काम करेंगे, जहां संघ की आवश्यकता है.
डोनेट लाइफ के अध्यक्ष नीलेशभाई मांडलेवाला ने कहा, डोनेट लाइफ ब्रेन डेड व्यक्तियों के परिवारों को अंगदान के महत्व को समझाकर अन्य रोगियों को जीवन देने का काम करता है. भारत में अभी भी 94 फीसदी लोग अंगदान के बारे में नहीं जानते हैं. साथ ही हर 12 लाख लोगों में से केवल एक व्यक्ति ही दान करता है. संस्था ने सूरत और पूरे देश में कुल 1173 अंगों और ऊतकों का दान किया है और देश-विदेश के कुल 1077 व्यक्तियों को नया जीवन दिया है. कार्यक्रम में भारतीय डाक विभाग द्वारा अंगदान विषय पर एक विशेष कवर जारी किया गया.