Deprecated: Return type of Wslm_ProductLicense::offsetExists($offset) should either be compatible with ArrayAccess::offsetExists(mixed $offset): bool, or the #[\ReturnTypeWillChange] attribute should be used to temporarily suppress the notice in /home/thxlzghk/news.vskodisha.com/wp-content/plugins/admin-menu-editor-pro-bk/license-manager/ProductLicense.php on line 97

Deprecated: Return type of Wslm_ProductLicense::offsetGet($offset) should either be compatible with ArrayAccess::offsetGet(mixed $offset): mixed, or the #[\ReturnTypeWillChange] attribute should be used to temporarily suppress the notice in /home/thxlzghk/news.vskodisha.com/wp-content/plugins/admin-menu-editor-pro-bk/license-manager/ProductLicense.php on line 101

Deprecated: Return type of Wslm_ProductLicense::offsetSet($offset, $value) should either be compatible with ArrayAccess::offsetSet(mixed $offset, mixed $value): void, or the #[\ReturnTypeWillChange] attribute should be used to temporarily suppress the notice in /home/thxlzghk/news.vskodisha.com/wp-content/plugins/admin-menu-editor-pro-bk/license-manager/ProductLicense.php on line 105

Deprecated: Return type of Wslm_ProductLicense::offsetUnset($offset) should either be compatible with ArrayAccess::offsetUnset(mixed $offset): void, or the #[\ReturnTypeWillChange] attribute should be used to temporarily suppress the notice in /home/thxlzghk/news.vskodisha.com/wp-content/plugins/admin-menu-editor-pro-bk/license-manager/ProductLicense.php on line 109

Deprecated: Return type of ameMetaBoxSettings::offsetExists($offset) should either be compatible with ArrayAccess::offsetExists(mixed $offset): bool, or the #[\ReturnTypeWillChange] attribute should be used to temporarily suppress the notice in /home/thxlzghk/news.vskodisha.com/wp-content/plugins/admin-menu-editor-pro-bk/extras/modules/metaboxes/ameMetaBoxSettings.php on line 88

Deprecated: Return type of ameMetaBoxSettings::offsetGet($offset) should either be compatible with ArrayAccess::offsetGet(mixed $offset): mixed, or the #[\ReturnTypeWillChange] attribute should be used to temporarily suppress the notice in /home/thxlzghk/news.vskodisha.com/wp-content/plugins/admin-menu-editor-pro-bk/extras/modules/metaboxes/ameMetaBoxSettings.php on line 102

Deprecated: Return type of ameMetaBoxSettings::offsetSet($offset, $value) should either be compatible with ArrayAccess::offsetSet(mixed $offset, mixed $value): void, or the #[\ReturnTypeWillChange] attribute should be used to temporarily suppress the notice in /home/thxlzghk/news.vskodisha.com/wp-content/plugins/admin-menu-editor-pro-bk/extras/modules/metaboxes/ameMetaBoxSettings.php on line 119

Deprecated: Return type of ameMetaBoxSettings::offsetUnset($offset) should either be compatible with ArrayAccess::offsetUnset(mixed $offset): void, or the #[\ReturnTypeWillChange] attribute should be used to temporarily suppress the notice in /home/thxlzghk/news.vskodisha.com/wp-content/plugins/admin-menu-editor-pro-bk/extras/modules/metaboxes/ameMetaBoxSettings.php on line 133
सेवागाथा – एक धाम, अनेक काम ‘दीनदयाल धाम मथुरा’ - ବିଶ୍ୱ ସମ୍ବାଦ କେନ୍ଦ୍ର ଓଡିଶା

सेवागाथा – एक धाम, अनेक काम ‘दीनदयाल धाम मथुरा’

रश्मि दाधीच

देवभूमि मथुरा के फरह क्षेत्र में कभी मीलों दूर सफर करता मीठा जल महिलाओं के, बच्चों के, तो कभी पुरुषों के कंधों पर, सर पर या हाथों में उठाये बर्तनों में छलकता हुआ गांवों तक पहुंचता था. चारों तरफ खारे पानी की वजह से मीठे पानी की एक-एक बूंद भी इतनी कीमती थी कि यही पानी कई बार आपसी मनमुटाव की वजह बन जाता था. यहां तक कि पानी के लिए गांवों में रोजमर्रा के झगड़े हो जाना भी आम बात थी‌. खेती वहां का मुख्य व्यवसाय था, जो पूरी तरह पानी पर निर्भर था. किसान भरण पोषण लायक तो कमा लेते थे, परन्तु आने वाली पीढ़ी की प्रगति हेतु वे सक्षम नहीं रह गए. मजबूरी में कुछ परिवारों को रोजगार के लिए पलायन भी करना पड़ता था.

बच्चों की पढ़ाई के लिए भी समुचित व्यवस्था नहीं थी. परन्तु जब कोई योगी किसी भूमि पर जन्म लेता है तो उसके तप का फल अनेकानेक वर्षों तक उस भूमि के जनमानस को भी प्राप्त होता है. संघ प्रचारक एवं एकात्म मानव दर्शन के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जन्मस्थली मथुरा से 22 किमी. दूर फरह क्षेत्र में नगला चंद्रभान गाँव आज दीनदयाल धाम के नाम से ही जाना जाता है. 1982 में पंडित दीनदयाल जी के पैतृक मकान पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ अधिकारी भाऊ राव देवरस जी, अटल बिहारी वाजपेयी जी, ओम प्रकाश जी जैसे अनेक कार्यकर्ताओं ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्मभूमि स्मारक समिति का गठन कर क्षेत्र में विकास के द्वार खोल दिए. यहां दीनदयाल जी के स्मारक के रूप में भव्य स्मृति भवन का निर्माण किया गया, जो आज यहां दीनदयाल धाम के नाम से जाना जाता है.

जिस प्रकार घर में एक चूल्हे पर बना भोजन परिवार के अनेक सदस्यों का भरण पोषण करता है, ठीक उसी प्रकार स्मारक समिति समूचे फरह विकास खंड के 56 गांवों के बुनियादी एवं सर्वांगीण विकास हेतु पिछले अनेक वर्षों से प्रयासरत है.

बचपन से इसी मिट्टी में शाखा में जाने वाले संघ के प्रचारक एवं समिति के निदेशक सोनपाल जी बताते हैं कि मीठे पानी के अभाव में लोगों को मीलों दूर से पीने का पानी ढोकर लाना पड़ता था. इसलिए 1992 में सर्वप्रथम मीठे पानी के पाइपलाइन के 15 स्टैंड लगाए गए. आज फरह क्षेत्र में बड़ी मीठे पानी की टंकी है, जिससे गांव के हर घर को मीठा पानी मिलता है. पानी की समस्या सुलझते ही खेती के कई विकल्प सामने आए. आज दीनदयाल धाम में 5,000 वृक्ष लगाए जा चुके हैं‌‌. एक सुंदर आंवले का बगीचा भी यहां स्थित है. विभिन्न प्रयोगों द्वारा किसानों को प्राकृतिक एवं जैविक कृषि हेतु प्रेरित किया जाता है. सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से शुद्ध होकर गांव का गंदा पानी करीब 75,000 लीटर प्रतिदिन सिंचाई के लिए काम आता है. पुनर्निर्माण और सौंदर्यीकरण की वजह से आज दीनदयाल धाम उत्तर प्रदेश में एक भव्य पर्यटन केंद्र है.

आज यहां के बच्चे सिर्फ सरकारी विद्यालयों पर निर्भर नहीं हैं. दीनदयाल उपाध्याय सरस्वती विद्या मंदिर के माध्यम से दो विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है, जिसमें 1,000 से अधिक विद्यार्थी पढ़ रहे हैं. इतना ही नहीं, करीब 25 गांवों में निःशुल्क वन टीचर, वन स्कूल कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. ये एकल विद्यालय बच्चों को शिक्षित, संस्कारित करने के साथ उनके जीवन को सही दिशा दे रहे हैं. फरह विकास खंड की 8 न्याय पंचायत में, 6 सरस्वती शिक्षा मंदिर हैं, जिसमें 33 गांव से, 1383 बच्चे पढ़ने आते हैं.

समिति ने सभी क्षेत्रों में प्रकल्प आरंभ कर सर्वांगीण विकास की बुनियाद रखी. कामधेनु खाद्य एवं ग्रामोद्योग फार्मेसी मंत्री, हेमेंद्र जी बताते हैं कि छोटी-मोटी बीमारियों से लेकर गंभीर मरीजों को पहले मीलों तक सफर करके मथुरा के अस्पताल तक जाना पड़ता था. इसी बात को ध्यान में रखते हुए सेवा केंद्र के परिसर में ही एक निःशुल्क आयुर्वेदिक चिकित्सालय संचालित किया जाता है, जहां प्रतिवर्ष 30,000 रोगियों का इलाज होता है. यहां निःशुल्क नेत्र ऑपरेशन, विकलांग सहायता, डेंटल मेडिकल चेकअप एवं अन्य सभी रोगों से संबंधित मेडिकल  कैंप आयोजित किए जाते हैं.

परिसर में एक कामधेनु गौशाला भी है. यहां पंचगव्य पर आधारित आयुर्वेदिक दवाएं बनती हैं. ये गौशाला गांव की महिलाओं के स्वावलंबन का भी आधार बनी हैं. अभी तक 40 बहनों ने औषधि निर्माण के विभिन्न आयामों का प्रशिक्षण लिया. ये महिलाएं अब 4,500 रू प्रति महीना इससे कमा रही हैं.

पति की मृत्यु के बाद अनीता दो बच्चों के साथ आज परिवार पर बोझ नहीं हैं, अपितु सिलाई करके स्वाभिमान के साथ जीवन व्यतीत कर रही हैं, तो वहीं रमा की सासू माँ ने इसी धाम से सिलाई प्रशिक्षण लिया और कई वर्षों तक कार्य किया. शादी के बाद बहू रमा को भी यहीं पर सिलाई सिखाकर स्वाभिमान के साथ जीना सिखाया. सिलाई प्रशिक्षण एवं वस्त्र उद्योग केंद्र के जरिए, अभी तक लगभग 5,000 बहनों ने निःशुल्क सिलाई सीखी व कमाना शुरू किया. वर्तमान में 35 बहनें यहां काम कर रही हैं जो 5,000 रू प्रतिमाह कमाती हैं. यहां 8 गांवों से महिलाएं आती हैं, प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी बहनों को उनके विवाह के अवसर पर दीनदयाल धाम परिवार की ओर से सिलाई मशीन भी भेंट की जाती है.

समिति के मंत्री नितिन बहल जी बताते हैं कि पंडित जी के जन्मोत्सव एवं निर्वाण दिवस पर प्रदर्शनी, मेले व विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है, जिसमें लाखों लोग हिस्सा लेते हैं. समिति में निर्मित सामुदायिक भवन, राधा कृष्ण मंदिर, सत्संग भवन एवं शोध पुस्तकालय आसपास के सभी गांव को जोड़कर रखता है.

प्रकृति से पूर्ण सामंजस्य के साथ मानव का विकास, यही एकात्म मानव दर्शन पंडित जी के विचारों के रूप में पंडित दीनदयाल जन्म स्मारक समिति भवन ब्रज में, जीवंत ही नहीं अपितु इस देव भूमि का अभिमान है.

एक धाम अनेक काम पंडित दीनदयाल धाम | सेवागाथा (sewagatha.org)

Leave a Reply