जयपुर. राजस्थान में पेपर-लीक, भ्रष्टाचार, बलात्कार की घटनाओं के विरुद्ध न्याय पदयात्रा आज करौली से प्रारंभ हुई. न्याय पदयात्रा में 500 से अधिक युवा 185 किलोमीटर की यात्रा करेंगे. पदयात्रा की शुरुआत आज करौली से शिव गार्डन से हुई, जिसमें हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं और नागरिकों की सहभागिता रही.
पदयात्रा के शुभारंभ पर राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ला ने कहा कि राजस्थान वीरों की भूमि है, और इस वीर भूमि में आज महिला उत्पीड़न, पेपर लीक, भ्रष्टाचार आदि से लोग तड़प रहे हैं. राजस्थान का इतिहास भी वीरों का रहा है. त्याग व बलिदान से यहां की माटी सींची गई है. विद्यार्थी परिषद न्याय पदयात्रा के माध्यम से राजस्थान के वर्तमान परिदृश्य को बदलने के लिए कार्य करेगी. जिस प्रकार पुलिस की बर्बरता विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं पर हो रही है. विद्यार्थी परिषद का कार्यकर्ता हर परिस्थिति में राजस्थान की रक्षा के लिए, महिलाओं की रक्षा के लिए सभी सामाजिक कार्य के लिए हमेशा पुलिस के साथ कंधे से कंधा और कदम से कदम मिलाकर सेवा करने के लिए तैयार है. रामायण काल में सीता जी को रावण ने तकलीफ देने का प्रयास किया था, उस समय भी रामायण हुई थी और रावण की लंका भस्म हुई थी. इसी तरह हमारे राजस्थान की बहनों के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ एबीवीपी का हर एक कार्यकर्ता आवाज उठाएगा.
राष्ट्रीय मंत्री होशियार सिंह मीणा ने कहा कि राजस्थान प्रदेश में पेपर लीक सरकार की मिली भगत से हो रहा है. पेपर लीक से जुड़े अधिकारी राजीव गांधी स्टडी सर्कल से संबंध रखते. राजस्थान में जब बेरोजगार युवा न्याय मांगते हैं तो पुलिस वाले उन पर डंडे बरसाते हैं. डॉक्टर न्याय मांगते हैं तो पुलिस वाले डंडे बरसाते हैं. आखिर हम भी पूछना चाहते हैं कि क्या राजस्थान पुलिस के पास न्याय के स्थान पर सिर्फ डंडे ही हैं? अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राजस्थान, राजस्थान के प्रत्येक नागरिक को न्याय मिले, महिलाओं को सम्मान मिले और युवाओं का स्वाभिमान जागे, इस उद्देश्य से 3 अगस्त से 10 अगस्त तक न्याय पदयात्रा कर रही है.
गंगापुर कॉलेज की पूर्व छात्र संघ महासचिव कु. अंजली चौरसिया ने कहा कि करौली में हुई बलात्कार की घटना समाज को शर्मसार करने वाली घटना है. आरोपियों ने दुष्कर्म करके राक्षसी तरीके से हमारी बहन की हत्या कर कुंए में फैंक दिया. लेकिन उसका बलात्कार और हत्या एक बार नहीं, बल्कि सरकार और सिस्टम ने बार-बार किया. राजस्थान के मुख्यमंत्री की सरकार महिला को सुरक्षा देने के मोर्चे पर फेल हुई है. कांग्रेस विधायक पी.आर. मीणा का पीड़िता के चरित्र पर प्रश्न उठाना उनके मानसिक दिवालियेपन को दिखाती है.